AI का शिकारी जाल: संत प्रेमानंद जी महाराज भी हुए शिकार! सच्चाई जानकर उड़ जाएंगे होश!

AI का शिकारी जाल: संत प्रेमानंद जी महाराज भी हुए शिकार! सच्चाई जानकर उड़ जाएंगे होश!

आज के दौर में टेक्नोलॉजी जितनी तेज़ी से बढ़ रही है, उतनी ही तेज़ी से इसके साइड इफेक्ट्स भी सामने आ रहे हैं। अब मामला सिर्फ आम लोगों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अध्यात्म जगत की बड़ी हस्तियां भी इसके शिकार बनने लगी हैं। हाल ही में मशहूर संत प्रेमानंद जी महाराज के नाम पर भी AI से बनाए गए फर्जी वीडियो और झूठे बयान सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल हो रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, कुछ शरारती तत्वों ने AI का इस्तेमाल कर संत प्रेमानंद जी महाराज की आवाज और चेहरे को हूबहू कॉपी कर नकली वीडियो बनाए और उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। इन वीडियो में महाराज जी के नाम से भ्रामक बयान दिए गए, जिससे उनके भक्तों में भारी नाराजगी फैल गई।

कैसे फैलाई जा रही है ये गड़बड़ी?

  • AI Deepfake टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर उनकी आवाज और हाव-भाव को कॉपी किया गया।

  • महाराज जी के पुराने वीडियो की क्लिपिंग्स को एडिट कर नई और भ्रामक बातें जोड़ दी गईं।

  • इन नकली वीडियो को फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर वायरल किया गया।

  • वीडियो में उन्हें चौंकाने वाले और विवादित बयान देते हुए दिखाया गया, जिससे उनके भक्त भ्रमित हो गए।

भक्तों में भारी आक्रोश!

संत प्रेमानंद जी महाराज के अनुयायियों ने इन फर्जी वीडियो को लेकर गहरी चिंता जताई है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और महाराज जी के वास्तविक वीडियो शेयर कर सच को सामने लाने की अपील कर रहे हैं।

AI से कैसे बचा जाए?

  1. किसी भी सनसनीखेज वीडियो को तुरंत सच न मानें, पहले जांच करें।

  2. ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल्स और ट्रस्टेड न्यूज सोर्स से जानकारी लें।

  3. फर्जी वीडियो की रिपोर्ट करें और गलत सूचना फैलने से रोकें।

  4. AI डिटेक्शन टूल्स का इस्तेमाल कर फेक वीडियो की पहचान करें।

क्या कहा संत प्रेमानंद जी महाराज ने?

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराज जी ने कहा कि यह पूरी तरह से झूठ और भ्रामक प्रचार है। उन्होंने अपने अनुयायियों से अपील की कि वे झूठी खबरों पर ध्यान न दें और आध्यात्मिक शांति बनाए रखें।

निष्कर्ष:

AI टेक्नोलॉजी ने जहां एक ओर इंसान की जिंदगी को आसान बनाया है, वहीं इसके दुरुपयोग से कई प्रसिद्ध हस्तियों को बदनाम करने की साजिशें भी रची जा रही हैं। संत प्रेमानंद जी महाराज इसका ताजा उदाहरण हैं। अब समय आ गया है कि हम AI के इस खतरनाक पक्ष से सतर्क रहें और सच-झूठ की परख करना सीखें

🚨 आपके विचार क्या हैं? क्या AI पर सख्त कानून बनने चाहिए? कमेंट में बताएं! 🚨

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