चीन की इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बनाने वाली दिग्गज कंपनी BYD (Build Your Dreams) अब भारत में एंट्री करने जा रही है। कंपनी अपनी पहली मैन्युफैक्चरिंग प्लांट तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में स्थापित करेगी, जो हैदराबाद से लगभग 60 किलोमीटर दूर होगा। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब वैश्विक व्यापार नीतियां बदल रही हैं और EV इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है। भारत, दुनिया की सबसे बड़ी EV कंपनी के लिए एक नया और बेहतरीन बाजार बन सकता है।
भारत ही क्यों? और अभी क्यों?
BYD का भारत आना सिर्फ EV मार्केट में अपनी पकड़ बनाने के लिए नहीं है, बल्कि यह एक सुनियोजित रणनीति भी है। पश्चिमी देशों में चीन की EV कंपनियों पर कड़े प्रतिबंध लग रहे हैं। यूरोपीय संघ (EU) ने चीनी EVs पर 35.3% तक का टैरिफ लगाया है, जबकि अमेरिका ने तो इसे 100% तक बढ़ा दिया है, जिससे चीन से निर्यात करना मुश्किल हो गया है।
दूसरी ओर, भारत एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। यहां EV सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, सरकार से इंसेंटिव मिल रहे हैं, और 2030 तक 43% की CAGR ग्रोथ के साथ 932,000 यूनिट बिक्री होने का अनुमान है।
BYD की योजना है कि वह हैदराबाद की कंपनी Megha Engineering and Infrastructures Ltd (MEIL) के साथ साझेदारी करके भारत में काम करे, जिससे भारतीय निवेश नियमों का पालन भी हो सके। इस पार्टनरशिप में MEIL की हिस्सेदारी ज्यादा होगी।
BYD: टेस्ला को टक्कर देने वाली कंपनी
BYD की शुरुआत 1995 में एक बैटरी निर्माता के रूप में हुई थी और 2003 में कंपनी ऑटोमोबाइल सेक्टर में उतरी। 2024 में इसने 4.27 मिलियन EVs की बिक्री कर टेस्ला को पीछे छोड़ दिया, जिसने सिर्फ 1.79 मिलियन यूनिट्स बेचीं। चीन के नई ऊर्जा वाहन (NEV) बाजार में BYD की 32% हिस्सेदारी है, और अब वह थाईलैंड, ब्राजील, हंगरी और भारत जैसे देशों में तेजी से विस्तार कर रही है।
Blade Battery Technology: भारत के लिए गेम-चेंजर?
BYD की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट उसकी Blade Battery है, जो लिथियम आयरन फॉस्फेट (LFP) तकनीक पर आधारित है। यह बैटरी:
- बेहतर सुरक्षा – यह ज्यादा तापमान में भी स्थिर रहती है और आग नहीं पकड़ती।
- उच्च ऊर्जा दक्षता – पारंपरिक बैटरियों की तुलना में 50% ज्यादा स्पेस का उपयोग कर सकती है।
- अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग – BYD की बैटरी सिर्फ 5 मिनट में 470 किमी की रेंज दे सकती है, जो टेस्ला की 15 मिनट की चार्जिंग टाइम से तेज है।
भारत की EV इंडस्ट्री पर प्रभाव
BYD के भारत आने से बाजार में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा:
✅ मूल्य प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी – टाटा मोटर्स (38% मार्केट शेयर), MG मोटर इंडिया (29%) और महिंद्रा इलेक्ट्रिक (16%) जैसी कंपनियों को इनोवेशन बढ़ाना होगा।
✅ EV अपनाने की रफ्तार तेज होगी – BYD की किफायती कारें और बेहतरीन बैटरी टेक्नोलॉजी भारतीय उपभोक्ताओं को EVs अपनाने के लिए प्रेरित करेंगी।
✅ इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ होगी – BYD का भारतीय प्लांट स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देगा, जिससे चार्जिंग नेटवर्क और बैटरी निर्माण में तेजी आएगी।
टेस्ला vs BYD: भारतीय EV बाजार में महामुकाबला
चीन में टेस्ला का मार्केट शेयर 2022 में 16% से घटकर 2025 में 4.3% रह गया है, क्योंकि BYD ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। अब टेस्ला भी भारत में एंट्री करने की तैयारी में है, लेकिन BYD की कम लागत वाली मैन्युफैक्चरिंग, स्थानीय उत्पादन और सरकारी सहयोग उसे भारत में बढ़त दिला सकता है।
EV सेक्टर में भारत अगला बड़ा बाजार बनने वाला है, और आने वाले कुछ वर्षों में यह तय होगा कि BYD अपनी सफलता को दोहरा पाएगा या टेस्ला और भारतीय कंपनियां उसे कड़ी टक्कर देंगी।
पर एक बात तो तय है – भारत की EV क्रांति अब पहले से कहीं ज्यादा तेज़ी से बढ़ने वाली है!